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भारत में अब तक माध्यमिक विद्यालयों में सबसे ज्यादा दाखिला हुआ है। लेकिन बच्चे कितना सीख रहे हैं या उन्हें कितना सीखना चाहिए, इस पर सवाल बने हुए हैं। कहा जा रहा है दाखिल बच्चों को स्कूल उतना सिखा पाने में नाकाम रहे हैं, जितना उन्हें सीखना चाहिए था। इसका असर सबसे ज्यादा कमजोर यानी अनुसूचित जनजाति के छात्रों पर पड़ रहा है। यह जानकारी वैश्विक स्तर के एक अध्ययन के प्रारंभिक निष्कर्ष में सामने आई है।

अपेक्षाकृत उन्नत राज्यों में से आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से मिले निष्कर्ष पिछले अध्ययनों के अनुरूप हैं, जो राष्ट्रव्यापी स्तर पर निरंतर सीखने की कमी का (यहां और यहां) संकेत देते हैं।

जुलाई-अगस्त, 2016 और फरवरी 2017 में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में कक्षा IX में 8,355 बच्चों के साथ आयोजित, ‘यंग लाइव लान्जिटूडनल स्टडी ’ चार देशों में की गई एक अंतरराष्ट्रीय जांच है, जो यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड, ब्रिटेन द्वारा वित्त पोषित है।

सकारात्मक परिदृश्य: ग्रेड IX में 15 वर्ष की आयु (कक्षा IX के लिए सामान्य आयु अगर एक बच्चा छह साल की उम्र में स्कूल शुरू करता है) के बच्चों की हिस्सेदारी 2009 में 78 फीसदी से बढ़ कर वर्ष 2016 में 91 फीसदी हुआ है। ग्रेड IX में नामांकित 15 वर्ष की आयु की लड़कियों की हिस्सेदारी वर्ष 2016 में 90 फीसदी थी, जो कि वर्ष 2009 में 74 फीसदी ही थी, जबकि इस उम्र में पिछड़े वर्गों के बच्चों का अनुपात में इन आठ वर्षों में 76 फीसदी से बढ़कर 91 फीसदी हुआ है।

हालां​​कि निजी स्कूलों में भाग लेने वाले बच्चों की हिस्सेदारी में मामूली वृद्धि हुई है। वर्ष 2009 में 35 फीसदी थी, जो बढ़कर वर्ष 2016 में 37 फीसदी हुआ है। निजी स्कूलों में नामांकन के आंकड़े समाजिक-आर्थिक संरचना की कहानी भी कहते हैं। उच्च जातियों में नामांकन दर 62 फीसदी, अमीर घरों के बच्चों में भी 62 फीसदी और शहरी बच्चों में नामांकन दर 64 फीसदी रहा है।

माध्यमिक स्कूल में नामाकंन

Source: 2016 Young Lives Survey Fact Sheet

कई सालों से चल रहे अध्ययन में, वर्ष 1998 के बाद से भारत, इथियोपिया, वियतनाम और पेरू में 12,000 बच्चों को शामिल किया है और वर्ष 2016-17 का दौर श्रृंखला का पांचवा दौर है। ‘यंग लाइव्स इंडिया’ के कंट्री डायरेक्टर रेणु सिंह ने कहा कि क्रॉस-कंट्री की तुलना अभी प्रकाशित नहीं हुई है।‘यंग लाइव्स’ ने इस अवधि में उनकी शिक्षा में आए बदलावों को परखने के लिए कक्षा IX के छात्रों के दो दलों पर नजर रखा है। ऐसे छात्र जो 2016 में 15 वर्ष के हो गए और दूसरे दल के छात्र 2009 में 15 साल के थे।

निजी स्कूलों के छात्र गणित में सरकारी स्कूलों के छात्रों से पीछे

स्कूलों में ग्रेड IX में बच्चों की हिस्सेदारी, जो तीन गणित के सवालों का जवाब दे सकते हैं ( दशमलव के साथ जोड़ना, पाइ चार्ट पढ़ने और समस्या को सुलझाना ) उनकी संख्या में में दो प्रतिशत अंक की गिरावट हुई है। वर्ष 2016 में कही जवाब देने वाले बच्चे 10 फीसदी हैं जबकि वर्ष 2009 में 12 फीसदी थी।

सरकारी स्कूलों में, गणित के सवालों का जवाब देने वाले बच्चों का अनुपात 2016 में 0.7 प्रतिशत घटकर 9 फीसदी हुआ है। निजी स्कूलों में वर्ष 2016 में यह छह फीसदी घटकर 14 फीसदी हुआ है।

वर्ष 2016 में, 31 प्रश्नों की गणित परीक्षा में औसत स्कोर सरकारी स्कूलों में सबसे कम (30 फीसदी) और निजी स्कूलों में सबसे अधिक (41 फीसदी) है।

सीखने का स्तर

Learning Levels
Children answering 3 comparable math questions correctly (2009)Children answering 3 comparable math questions correctly (2016)Avg score in math test of 31 questions (2016)Avg score in vocabulary test (2016)
Gender
Male16.811.334.284.4
Female7.18.631.383.1
Caste
Scheduled Castes7.36.828.683.6
Scheduled Tribes7.26.929.180.8
Backward Classes111032.783.3
Other Castes20.415.239.887.3
Maternal education level
None9.96.127.681.3
1 to 5 years13.59.933.584.6
6 to 10 years14.714.338.387
More than 10 years17.715.64788.2
Household wealth level
Poorest tercile6.2627.580.3
Middle tercile12.810.332.584.1
Least poor tercile1613.838.587.2
Location
Urban14.213.337.386.1
Rural11.1931.482.8
States – After bifurcation
New Andhra Pradesh11.911.635.384.6
Telangana11.67.128.382.4
Type of school attended
Public9.793083.2
Private20.21440.787.4
Other2016.733.889.4
Mixed public private-9.337.981.1

Source: 2016 Young Lives Survey Fact Sheet

Note: Figures in %

अन्य बच्चों की तुलना में अनुसूचित जनजाति के बच्चे अधिक विफल

यंग लाइव्स द्वारा चुने गए नमूने में अनुसूचित जनजाति के ग्रेड IX के ज्यादा आयु वाले छात्रों -भारतीय संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त जनजातियों का एक समूह ऐतिहासिक रूप से वंचित और राज्य समर्थन के लिए पात्र हैं- का अनुपात वर्ष 2009 से 2016 के बीच 9 फीसदी बढ़ा है, जो नमूने के औसत से तीन गुना ज्यादा है।

स्कूल में ग्रेड IX में अधिक आयु वाले छात्र

Graph Three

Source: 2016 Young Lives Survey Fact Sheet

छात्रों द्वारा होमवर्क करने और शिक्षकों द्वारा रिपोर्ट करने वालों की उच्चतम संख्या निजी गैर-अनुदानित स्कूलों में देखी गई।

होमवर्क अनुभव

Source: Young Lives School Survey 2016-17: India

(विवेक विश्लेषक हैं और इंडियास्पेंड के साथ जुड़े हैं।)

यह लेख मूलत: अंग्रेजी में 20 सितंबर 2017 को indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।

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