संस्थापक और न्यासी

ट्रस्टी

गोविन्दराज एथिराज एक टेलीविज़न और प्रिंट जौर्नालिस्ट हैं जो कि पिछले 25 सालों से भारतीय व्यापार पर लिखते और रिपोर्टिंग करते आ रहे हैं। गोविंदराज एक मीडिया प्रबंधक एवं उद्यमी हैं जिनके जनहित पत्रकारिता के उपक्रम पारदर्शिता, तथ्यों की सत्यता, पत्रकारिता की अखंडता और इंटरनेट की संरक्षा कर रहे हैं।

हाल ही में उन्होंने बूम, एक स्वतंत्र पत्रकारिता का उपक्रम जो कि गलत जानकारी के खिलाफ लड़ता है और इंटरनेट को सुरक्षित बनाने वाले मुद्दों को समझाता है। उन्होंने पुरुस्कार प्राप्त इंडियास्पेंड, एक जनहित पत्रकारिता का उद्द्यम जो कि आंकड़ों के माध्यम से स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण और लिंगभेद पर रिपोर्ट करता है, फैक्टचेकर, जो कि मीडिया, राजनेताओं और अन्य सूचनाओं की सत्यता की जांच करता है। बूम और फैक्टचेकर इंटरनेशनल फैक्टचेकिंग नेटवर्क के देश के पहले प्रमाणित सदस्य थे। इंडियास्पेंड ग्लोबल इनवेस्टिगेटिव जर्नलिज्म नेटवर्क का सदस्य है।

इससे पहले गोविंदराज, ब्लूमबर्ग टीवी इंडिया, 2008 में मुंबई से शुरू हुई 24-घंटे चलने वाली व्यापार समाचार की सुविधा, के फाउंडर-एडिटर इन चीफ रह चुके हैं। गोविंदराज अभी भी व्यापार, अर्थव्यवस्था, आर्थिक बाज़ार पर इंटरनेट और टीवी पर कई कार्यक्रमों को संचालित करते हैं।

ब्लूमबर्ग टीवी इंडिया की स्थापना के पहले गोविंदराज बिज़नेस स्टैण्डर्ड समाचारपत्र के संपादक (न्यू मीडिया) रहे हैं और उसके पहले वे CNBC-TV18 के साथ 5 वर्षों तक कार्यरत रहे जहां उन्होंने चैनल के विकास और व्यापार के विस्तार में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। टीवी पत्रकारिता से पहले, गोविंदराज दी इकनोमिक टाइम्स और बिज़नेस मैगज़ीन में विभिन्न पदों पर कार्यरत रह चुके हैं। 

गोविंदराज बूम, इंडियास्पेंड और फैक्टचेकर में अपने नेतृत्व के लिए 2018 McNulty Prize Laureate के लिए चयनित किये गए थे। साथ ही वे Ananta Aspen’s India Leadership Initiative और Aspen Global Leadership नेटवर्क के फेलो और 2014 के BMW Responsible Leaders Awards के विजेता भी हैं।

ईमेल: govindraj@indiaspend.org


अन्य ट्रस्टी

एयाज मेमन योग्यता से वकील और जज़्बे से पत्रकार हैं। मेमन कई समाचारपत्रों जैसे मिड-डे, बॉम्बे टाइम्स, डीएनए, टाइम्स ऑफ़ इंडिया, हिंदुस्तान टाइम्स और डेक्कन क्रॉनिकल में स्पोर्ट्स लेखक, संपादक और स्तम्भकार के रूप में काम कर चुके हैं। वह कई बार स्टार स्पोर्ट्स और सोनी स्पोर्ट्स के अलावा समाचार चैनलों जैसे टाइम्स नाउ, न्यूज़ एक्स और नेटवर्क 18 पर भी टीवी कमेंटेटर और विश्लेषक के रूप में देखे गए हैं।

मेमन ने 10 क्रिकेट विश्व कप, 250 से ज़्यादा टेस्ट मैच और 400 से ज़्यादा एक दिवसीय मैच, 1988 और 2012 के ओलिंपिक खेल, 1998 और 2010 के राष्ट्र मंडल खेल, 1990 के एशियाई खेल, 2006 का फुटबॉल विश्व कप, 1991 और 1993 की विम्बलडन प्रतियोगिता, और कई अंतराष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताएं की लाइव रिपोर्टिंग की है। उन्होंने क्रिकेट पर 4 किताबें लिखी हैं और साथ ही स्वतंत्र भारत की स्वर्ण जयंती पर एक किताब -- India 50 – The Making of a Nation -- को सहलेखक के रूप में लिखा है।

श्रीकांत कारवा वर्ल्ड बैंक के आइडेंटिटी फॉर डेवेलोपमेन्ट (ID4D) कार्यक्रम, जो कि विकासशील देशों की सरकारों के साथ उनके राष्ट्रीय परिचय पत्र कार्यक्रमों पर काम करता है, के परामर्शदाता हैं। वह वर्तमान में इंडिया स्टैक, नयी तकनीकों से भारत को कैशलेस, पेपरलेस अर्थव्यवस्था बनाने के लिए काम करने वाले संगठनों का समूह, के प्रचार और जागरूकता के लिए एक वालंटियर हैं।

उनके हाशिये पर खड़े लोगों की समस्याओं को सुलझाने के जज़्बे ने उन्हें आधार प्रोजेक्ट के शुरुआती दिनों में उसका हिस्सा बनाया। वह डाटा एनालिटिक्स के माध्यम से आधार सिस्टम में होने वाली धोखाधड़ी को उजागर करने में भी कारगर हुए। श्रीकांत कारवा मुंबई यूनिवर्सिटी से केमिकल इंजीनियरिंग में स्नातक और पेन स्टेट, अमेरिका, से ऑपरेशन रिसर्च में स्नातकोत्तर हैं।


संरक्षक

रोहिणी नीलेकणी ‘अर्घ्यम’ की संस्थापक-अध्यक्ष हैं। भारत में पानी और स्वच्छता के मुद्दों पर काम करने के लिए, एक निजी निधि के साथ उन्होंने इस संस्था की स्थापना की थी। वह ‘प्रथम बुक्स’ की फाउंडर-चेयरपर्सन भी हैं। यह एक चैरिटेबल ट्रस्ट है, जो “हर बच्चे के हाथ में एक किताब” देना चाहती है। एक पूर्व-पत्रकार, लेखक और परोपकारी, रोहिणी एक दशक से अधिक समय से विकास के मुद्दों से गहराई से जुड़ी हैं। वह वर्तमान में भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की लेखा परीक्षा सलाहकार बोर्ड की सदस्य हैं। वह कई गैर-मुनाफे वाले बोर्डों, विशेष रूप से ‘एटीआरईई’ (अशोक ट्रस्ट फॉर रिसर्च इन इकोलॉजी एंड द एनवायरनमेंट) और ‘संघमित्रा रूरल फाइनेंशियल सर्विसेज’ की सदस्या हैं। रोहिणी ने दो पुस्तकें भी लिखी हैं, जो पेंगुइन इंडिया द्वारा प्रकाशित हैं।

विक्रम लाल ‘आयशर ग्रुप’ के पूर्व अध्यक्ष हैं। उन्होंने 1957 में दून स्कूल से सीनियर कैम्ब्रिज किया। इसके बाद वे पश्चिम जर्मनी में ‘टेक्निकल यूनवर्सटी ऑफ डार्मस्टैड मैकेनिकल इंजीनियरिंग’ की पढ़ाई करने के लिए विदेश चले गए। वह 1966 में अपने पिता द्वारा स्थापित पारिवारिक कंपनी आयशर में शामिल हुए। आयशर ने 1960 में भारत में पहले ट्रैक्टर निर्माता के रूप में शुरुआत की और अंततः 1986 में हल्के वाणिज्यिक वाहनों में और फिर भारी वाहनों में शामिल हो गए। अन्य व्यवसायों के बीच, उसने 1990 में रॉयल एनफील्ड, मोटरसाइकिल का एक प्रतिष्ठित ब्रांड का अधिग्रहण किया। श्री लाल, कॉमन कॉज़ के अध्यक्ष हैं। यह एक जनहितकारी गैर सरकारी संगठन है, जो दिसंबर 2004 से सुधार, शासन और कानून के प्रवर्तन से संबंधित प्रमुख मुद्दों पर नजर बनाए हुए है। वह वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर के उपाध्यक्ष थे – 7 साल के लिए भारत और 6 साल के लिए दून स्कूल के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स का सदस्य। वर्तमान में, वह प्रथम दिल्ली शिक्षा पहल और रिसोर्स एलायंस इंडिया के बोर्डों में हैं।

पिरोजशा गोदरेज फाउंडेशन’ गोदरेज समूह की परोपकारी शाखा है और बच्चों के लिए टीकाकरण, परिवार कल्याण और पर्यावरण संरक्षण सहित कई क्षेत्रों में समूह के धर्मार्थ कार्यों को पूरा करने में सहायक है। यह 1972 में स्थापित किया गया था और होल्डिंग कंपनी, गोदरेज एंड बॉयस मनुफैक्टरिंग कंपनी में स्टेक का स्वामीत्व करते हैं। ट्रस्ट की उद्देश्यों को बढ़ावा देने के लिए लाभांश से आय का उपयोग किया जाता है।

द इंडिपेंडेंट एंड पब्लिक-स्पिरिटेड मीडिया फाउंडेशन’ (IPSMF) ने सार्वजनिक हित के लिए रिपोर्टिंग और प्रकाशन के उद्देश्य से ‘स्पेंडिंग एंड पॉलिसी रिसर्च फाउंडेशन’ (SPRF) को वित्तीय सहायता प्रदान की है। IPSMF अपनी वेबसाइट indiaspend.com पर या इसके किसी अन्य प्लेटफॉर्म पर SPRF द्वारा प्रकाशित सामग्री के लिए कोई कानूनी या नैतिक जिम्मेदारी नहीं लेता है।

फ़ोर्ब्स मार्शल स्टीम इंजीनियरिंग और कंट्रोल इंस्ट्रूमेंटेशन समाधान का एक अग्रणी निर्माता है। इनके उत्पाद और सेवाएं ग्राहकों को ऊर्जा की खपत कम करने में मदद करती हैं, प्रक्रिया की गुणवत्ता और प्रवाह क्षमता में सुधार करती हैं, और कारखाने को साफ़ और सुरक्षित रखती हैं। फ़ोर्ब्स मार्शल की सेवाएं, दुनिया के पांच महाद्वीपों में मौजूद हैं और उनके ग्राहकों में फ़ूड-प्रोसेसर या गारमेंट फ़ैक्ट्री, उपभोक्ता उत्पादों के निर्माताओं से लेकर दुनिया की सबसे बड़ी रिफ़ाइनरी तक शामिल हैं। उनके अनुसंधान और विकास प्रयासों की वजह से ऐसे कई उत्पाद मिले हैं, जिन्होंने अवार्ड जीते हैं। उनकी सामाजिक पहलों का फ़ोकस शिक्षा, उद्यमिता, स्वास्थ्य और सामुदायिक सशक्तिकरण हैं; जो समाज के वंचित वर्गों की महिलाओं, युवाओं और बच्चों पर केंद्रित हैं। फ़ोर्ब्स मार्शल को कई बार शीर्ष उद्योगों की लिस्ट में शामिल किया गया है।