उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी स्थित यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा से डंडालगांव के बीच निर्माणाधीन सुरंग में हुए हादसे में अभी भी 41 मजदूर फंसे हैं। रेस्क्यू के सातवें दिन शनिवार को भी मजदूरों को बाहर नहीं न‍िकाला जा सका। रेस्क्यू के दौरान सुरंग में कंपन और मलबा गिरने के खतरे पर ऑगर मशीन से ड्रिलिंग बंद कर दी गई है। अब सुरंग के ऊपर और साइड से ड्रिलिंग की तैयारी है। वहीं बैकअप के तौर पर इंदौर से मंगवाई गई एक और ऑगर मशीन (गड्ढा खोदने की मशीन) शुक्रवार देर रात जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर पहुंची। शनिवार दोपहर तीन ट्रकों के जरिये इन मशीनों को सिलक्यारा साइट पर पहुंचाया गया।

अमेरिकी ऑगर मशीन से शुक्रवार दोपहर बाद ड्रिलिंग का काम बंद कर दिया गया था। जिसके बाद से अब तक मात्र 22 मीटर ही ड्रिल हो पाया है। मशीन के कंपन से सुरंग में मलबा गिरने का खतरा बना हुआ है। अब सुरंग फंसे लोगों को बचाने के लिए सुरंग के ऊपर और साइड से भी ड्रिलिंग करने करने का प्लान है। इसके लिए कुछ मशीनें मंगाई गई हैं जिसमें ऊपर से अधिक मात्रा में खाना और साइड से उन्हें निकाला जाएगा। शनिवार को प्रधानमंत्री कार्यालय(पीएमओ) में उपसचिव मंगेश घिल्डियाल भी सिलक्यारा पहुंचे। इस दौरान उन्होंने सुरंग का जायजा लेकर रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़े अधिकारियों से वस्तुस्थिति का जायजा लिया। पत्रकार वार्ता के दौरान उन्‍होंने बताया क‍ि हमने सभी मजदूरों को बचाने के लिए पांच अलग-अलग तर‍ह के प्‍लान बनाये हैं और एजेंसी उसी प्‍लान के ह‍िसाब से काम कर रही हैं।

वहां के मौजूदा हालात पर ग्राउंड र‍िपोर्ट

साभार- सोशल मीड‍िया