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साल 2011 की सामाजिक, आर्थिक एवं जाति जनगणना के आंकड़ों के अनुसार देश के ग्रामीण इलाको में लगभग 23 मिलियन परिवारों का नेतृत्व महिलाएं करती हैं। यह आंकड़े जनगणना द्वारा दिए गए 17 मिलियन के आंकड़े से काफी अधिक है।

इन 23 मिलियन में से आधे से अधिक ( 53 फीसदी ) महिलाएं सीमांत रुप से 51 फीसदी पुरुष नेतृत्व वाले परिवार से उपर हैं।

यदि दोनों को एक साथ देखा जाए तो यह आंकड़े, ग्रामीण क्षेत्रों में संकट की स्थिति की संकेतक हैं।

महिला नेतृत्व परिवारों में से लगभग 24 फीसदी किसान हैं ( इंडियास्पेंड एवं खबर लहेरिया ने इस मुद्दे पर विस्तार से पहले ही बताया है ) जबकि पुरुषों नेतृत्व परिवारों के लिए यही आंकड़े 31 फीसदी हैं।

विशिष्ट आय श्रोतों के साथ परिवार का प्रतिशत

Source: Socio-Economic and Caste Census

ग्रामीण परिवारों की संख्या (बाएं) एवं महिला नेतृत्व परिवारों का प्रतिशत (दाएं)

Source: Census 2011; Socio Economic and Caste Census 2011

ग्रामीण इलाकों में करीब 79 फीसदी ( 18 मिलियन ) महिला नेतृत्व वाले परिवार 33 रुपए रोज़ाना या इससे भी कम पर जीवन यापन करते हैं।

इंडियास्पेंड ने पहले ही अपनी खास रिपोर्ट में बताया है कि किस प्रकार देश के ग्रामीण इलाकों के 670 मिलियन लोग 33 रुपए रोज़ पर अपना जीवन निर्वाह करते हैं।

एक विशिष्ट मासिक आय सीमा में उच्चतम अर्जक के साथ परिवारों का प्रतिशत

Source: Socio-Economic and Caste Census

करीब 94 फीसदी महिलाएं जो परिवार का नेतृत्व करती है खुद के मकानों में रहती हैं। इस मामले में पुरुषों के आंकड़ेथोड़े ही अधिक। पुरुष नेतृत्व वाले परिवार जो खुद के मकान में रहते हैं उनके आंकड़े 95 फीसदी दर्ज किए गए हैं।

घर के स्वामित्व का प्रतिशत

Source: Socio-Economic and Caste Census

29 फीसदी महिलाएं कच्चे मकानों में रहती हैं। एक इसी मामले में महिलाओं की स्थिति पुरुष नेतृत्व वाले परिवारों से बेहतर है। आंकड़ों के मुताबिक करीब 30 फीसदी पुरुष नेतृत्व वाले परिवार कच्चे मकानों में रहते हैं।

केवल 47 फीसदी परिवारों का नेतृत्व करने वाली महिलाएं ही पक्के मकानों में रहती है। इस मामले में पुरुषों नेतृत्व वाले परिवार के आंकड़े 48 फीसदी दर्ज किए गए हैं।

पक्का मकान होना जीने के उच्च स्तर को दर्शाता है।

मकानों के प्रकार का प्रतिशत

Source: Socio-Economic and Caste Census

( सेठी इंडियास्पेंड के साथ विश्लेषक हैं )

यह लेख मूलत: अंग्रेज़ी में 04 अगस्त 2015 को indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।

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